Australia (ऑस्ट्रेलिया और ओशिनिया: भौतिक भूगोल)

ऑस्ट्रेलिया विश्व का सबसे छोटा महाद्वीप है। एबेल तस्मान और कप्तान जेम्स कुक ने इस महाद्वीप की खोज की थी। यह हिंद महासागर और प्रशांत महासागर से घिरा हुआ महाद्वीप है। यह दक्षिणी गोलार्ध में स्थित है। जिसमें मुख्य भूमि ऑस्ट्रेलिया, तस्मानिया, न्यू गिनी, सेरम द्वीप, संभवतः तिमोर द्वीप और पड़ोसी द्वीप शामिल हैं। यह दक्षिणी गोलार्ध में स्थित है।

ऑस्ट्रेलिया के पर्वत

ग्रेट डिवाइडिंग पर्वत:-

यह ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी भाग में स्थित प्राचीन वलित पर्वत है। इस पर्वतीय क्षेत्र के पूर्वी ढाल पर भारी वर्षा प्राप्त होती है ।इस पर्वत की सबसे ऊंची चोटी काॅस्कुइस्को स्नोई पर्वतीय क्षेत्र में स्थित है। आस्ट्रेलिया की प्रमुख नदियों का उद्गम इसी पर्वत से होता है। जैसे मर्रे, डार्लिंग इत्यादि।

पश्चिमी पठारी प्रदेश:-

यह आस्ट्रेलिया के पश्चिमी भाग में स्थित पुराना पठारी प्रदेश है जहां शुष्क परिस्थितियां पाई जाती है। यह आस्ट्रेलिया के लगभग 2 बटा 3 भाग में स्थित/ विस्तृत है। इस क्षेत्र में बहुत से मरुस्थल पाए जाते हैं। जैसे ग्रेट सैंडी ,गिब्सन ,तनामी ,वृहत विक्टोरिया, स्टुअर्ट ,स्टोन मरुस्थल,सिपंसन।

इस क्षेत्र में लवणीय जिले पाई जाती हैं जैसे डिसएप्वाइंटमेंट झील।

यहां बहुत से खनिज पाए जाते हैं जैसे किंबरली पठार पर हीरा, पिलबारा नामक स्थान पर लौह अयस्क, कालगूरली तथा कूलगार्डी क्षेत्र में सोना।

मध्यवर्ती मैदानी प्रदेश-

मुख्यत तीन भागों में बाॅटा जाता है:-

1.ग्रेट आर्टेसियन बेसिन:-

जब जल दो अपारगम्य चट्टानों के बीच अत्यधिक उच्च दाब परिस्थितियों में स्थित होता है तो कमजोर स्थल पाकर जल स्वतः सतह पर बाहर निकलता है ।इसे पाताल तोड़ कुआं भी कहते हैं। इस क्षेत्र में जल का पुनर्भरण पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र के कारण होता है। यह जल पश्चिमी मरुस्थलीय क्षेत्र में निकलता है तथा यह मरुस्थलीय क्षेत्र में जल का प्रमुख स्रोत है। ऑस्ट्रेलिया में विश्व का सबसे बड़ा आर्टेसियन स्थित है।

2.मर्रे-डार्लिंग बेसिन:-

यह आस्ट्रेलिया के दक्षिण पूर्वी भाग में स्थित मैदानी प्रदेश है ।इस क्षेत्र का निर्माण मर्रे तथा इसकी सहायक नदियों द्वारा हुआ है। यह उपयोग मैदान कृषि के लिए उपयोगी है अतः इसे आस्ट्रेलिया का खाद्यान्न का कटोरा भी कहा जाता है। इसी क्षेत्र में डाउंस नामक शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदान स्थित हैं। डाउंस वाले क्षेत्र में पशुपालन भी किया जाता है।

3.नल्लारबोर के मैदान:-

ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी भाग में स्थित मैदान है इस क्षेत्र में अर्ध शुष्क परिस्थितियां पाई जाती है जिसके कारण यहां छोटे पेड़ पौधों का विकास होता है इस मैदानी क्षेत्र में चूना पत्थर की चट्टाने पाई जाती है अतः यह पथरीला क्षेत्र है एवं कृषि के लिए उपयोगी नहीं है

ऑस्ट्रेलिया की झीलें

आयरे झील:-

  • यह आस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी लवणीय झील है।
  • इस झील में अंतर स्थलीय अपवाह तंत्र पाया जाता है।
  • इस झील वाले क्षेत्र में आस्ट्रेलिया का निम्नतम बिंदु स्थित है।
  • इस झील का नया नाम “काटी ठंडा “है।

जलसंधि

बास जलसन्धि:-

यह जलसंधि दक्षिणी महासागर को तस्मान सागर से जोड़ती है यह तस्मानिया दप को आस्ट्रेलिया से अलग करती है इस जलसंधि वाले क्षेत्र में पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस के भंडार पाए जाते हैं

वृहत् बैरियर भित्ति:-

यह क्वींसलैंड के पूर्वी तट के पास कोरल सागर में स्थित प्रवाल भित्ति है ।यह विश्व की सबसे बड़ी प्रवाल भित्ति वाला क्षेत्र है ।विश्व में सर्वाधिक जैव विविधता इसी क्षेत्र में पाई जाती है ।यह पर्यटन एवं अर्थव्यवस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र है।

न्यूजीलैंड

दक्षिणी आल्पस:-

यह न्यूजीलैंड के दक्षिणी द्वीप पर स्थित नवीन वलित पर्वत है। इस पर्वत की सबसे ऊंची चोटी माउंट कुक है।

कैंटाबरी मैदान:-

यह दक्षिण आल्पस के दक्षिण में स्थित शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदान है ।इस मैदानी क्षेत्र का उपयोग मुख्यतः पशुपालन के लिए किया जाता है ।इस घास के मैदान के कारण न्यूजीलैंड डेयरी उद्योग के लिए विख्यात है।

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